भारत की 7 राष्ट्रीय पार्टियों के चुनाव चिन्हों का इतिहास - Jagran Josh
- School & Boards
- College Admission
- Govt Jobs Alert & Prep
- Current Affairs
- GK & Aptitude
- Home
- general knowledge in hindi
- सामान्य ज्ञान तथ्य
Comments
All Comments (0)
Join the conversation
Sign in to comment for free! Login Now- Well written content 👍
- Worth the read
- Captivating and insightful
- Brilliantly explained 😎
भारत में राष्ट्रीय पार्टीयों को चुनाव चिन्ह आवंटित करने का मुख्य उद्देश्य मतदाताओं की मदद करना और पार्टी या उम्मीदवार को याद रखने में मदद कराना है. भारतीय गणराज्य के प्रारंभिक दिनों से ही चुनाव चिन्ह का काफी महत्व रहा है, जिसकी वजह से आम नागरिक चुनाव चिन्हों की मदद से राजनीतिक पार्टीयों को याद रखते है और उन्हें वोट देते है. जब कोई राजनीतिक पार्टी अपने लिए चुनाव चिन्ह का चयन करती है तो इसके संबंध में अंतिम निर्णय निर्वाचन आयोग का ही होता है. इस लेख के माध्यम से 7 राष्ट्रीय पार्टियों के चुनाव चिन्हों के निर्धारण के पीछे के इतिहास को जानने की कोशिश करेंगे.
Add as a preferred source on Google Join usभारत में राजनीतिक पार्टीयों के चुनाव चिन्हों के अस्तित्व का मुख्य कारण स्पष्ट रूप से मतदाताओं की मदद करना और पार्टी या उम्मीदवार को याद रखने में मदद कराना है. यह भारतीय गणराज्य के प्रारंभिक दिनों से ही काफी महत्वपूर्ण रहा है.
लोग चुनाव चिन्हों की वजह से राजनितिक पार्टी को याद रखते हैं. 1951 में स्वतंत्र भारत में पहली जनगणना का प्रकाशन और पहले आम चुनावों की शुरुआत हुई थी. मतदान करते समय, नागरिकों के सामने न केवल उम्मीदवार और पार्टी का नाम बल्कि पार्टी का चुनाव चिन्ह भी होता है. चुनाव प्रचार के दौरान मतदाताओं को बार-बार याद दिलाया जाता है कि वे किस चुनाव चिन्ह का चयन करना चाहेंगे. जो लोग पढ़े लिखे नहीं होते है उनके लिए चुनाव चिन्ह ही ऐसा साधन है जिसे आसानी से याद रखा जा सकता है और इसी से लोगो की धारणाएं भी बनती है कि कौन-सी पार्टी कैसी होगी और वह लोगो के हित में काम करेंगी या नहीं आदि. इसलिए चुनाव के दौरान राजनितिक पार्टी का चुनाव चिन्ह बहुत अहम भूमिका निभाता है.
जब कोई राजनितिक पार्टी अपनी पार्टी के लिए चुनाव चिन्ह का चयन करती है तो अंतिम निर्णय निर्वाचन आयोग का होता है. नई दिल्ली में स्थित निर्वाचन आयोग के कार्यालय में कम से कम 100 नि:शुल्क चुनाव चिन्हों का रखरखाव किया जाता है जो किसी भी पार्टी को आवंटित नहीं किए गए हों. इस लेख में 7 राष्ट्रीय पार्टी और उनसे संबंधित चुनाव चिन्हों के बारे में अध्ययन करेंगे.
READ| Postal Ballot या डाक मत पत्र क्या होता है और इसका इस्तेमाल कौन करता है?
राष्ट्रीय पार्टियों से उनके चुनाव चिन्ह कैसे जुड़े हैं?
चुनाव चिन्ह इतने महत्वपूर्ण होते हैं कि आज कुछ पार्टियों को उनके चिन्हों द्वारा ही पहचाना जाता है. इसलिए यदि आप कमल देखते हैं, तो आप तुरन्त भारतीय जनता पार्टी को सोचते हैं. अगर कोई राजनीतिज्ञ हथेली को धारण करता है, इसका मतलब है कि वह एक कांग्रेसी हैं. यदि किसी के घर पर या कहीं भी अगर कोई पोस्टर पर एक हथौड़ा और दरांती बना हो तो इसका मतलब है कि उम्मीदवार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी का सदस्य है.
7 राष्ट्रीय पार्टियों के चुनाव चिन्हों का इतिहास
1. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) स्थापना: 1885 चुनाव चिन्ह – पंजाभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सबसे पुराना राजनीतिक दल है और इसमें कई संदर्भ में परिवर्तन हुए है लेकिन सबसे दिलचस्प विकास है पार्टी के चुनाव चिन्हों का जिसे कम से कम दो बार बदला गया.- नेहरू के नेतृत्व में पार्टी का चुनाव चिन्ह 'दो बैलों की जोड़ी' था, जिसने आम लोगों मुख्य रूप से किसानों के साथ बेहतर तालमेल स्थापित किया था.
Source: www.1.bp.blogspot.com
READ| जानिये देश में आपातकाल कब और क्यों लगाया गया था?- साल 1969 में पार्टी विभाजन के बाद चुनाव आयोग ने इस चिन्ह को ज़ब्त कर लिया था. कामराज के नेतृत्व वाली पुरानी कांग्रेस को ‘तिरंगे में चरखा’ जबकि नयी कांग्रेस को ‘गाय और बछड़े’ का चुनाव चिन्ह मिला था.

- 1977 में आपातकाल खत्म होने के बाद चुनाव आयोग ने गाय बछड़े के चिन्ह को भी जब्त कर लिया था. इसी दौरान संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में इंदिरा गाँधी रायबरेली से भारी मतों के अंतर से हार गई थी जिसके कारण परेशान होकर वह शंकराचार्य स्वामी चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती का आशीर्वाद लेने गई. ऐसा खा जाता है कि श्रीमती गांधी की बात सुनकर शंकराचार्य मौन हो गए थे लेकिन कुछ देर बाद उन्होंने अपना दाहिना हाथ उठाकर आशीर्वाद दिया. जिससे इंदिरा गाँधी के मन में हाथ के पंजे को चुनाव चिन्ह बनाने का विचार आया और कांग्रेस आई की स्थापना की गई थी. दूसरी तरफ जब बूटा सिंह चुनाव आयोग के कार्यालय गए तो चुनाव आयोग ने उन्हें चुनाव चिन्ह के रूप में हाथी, साइकिल और खुली हथेली का विकल्प दिया. इस पर इंदिरा गाँधी ने अपनी पार्टी के नेता आरके राजारत्नम के आग्रह पर और पहले के विचार की वजह से पंजा को चुनाव चिन्ह बनाने का निर्णय किया क्योंकि उनका मानना था कि हाथ का पंजा शक्ति, उर्जा और एकता का प्रतीक है और तभी से कांग्रेस का चुनाव चिन्ह पंजा चला आ रहा है.

Source: www. upload.wikimedia.org.com
2. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)स्थापना: 1980 चुनाव चिन्ह: कमल का फूल- डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा 1951 में भारतीय जनसंघ जो कि वर्तमान में भाजपा है की स्थापना हुई थी और उसका चुनाव चिन्ह दीपक हुआ करता था.
Source: www. i.ebayimg.com
READ| जानें भारत में विधानसभा किन परिस्तिथियों में भंग की जा सकती है?
- भारतीय जनता पार्टी की स्थापना 6 अप्रैल 1980 को हुई थी और पार्टी का पहला सत्र मुंबई में सम्पन्न हुआ जिसकी अध्यक्षता श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी. 1977 में आपातकाल के बाद, जनसंघ को जनता पार्टी बनाने के लिए कई अन्य पार्टियों के साथ मिला दिया गया और तब इसका चुनाव चिन्ह ‘हलधर किसान’ हो गया था.

Source: www. upload.wikimedia.org.com
- आखिर कमल भाजपा का चुनाव चिन्ह कैसे बना? जब 1857 में सीपॉय विद्रोह हुआ, तब चपाती और कमल के बीज का इस्तेमाल सूचना और संदेश भेजने के लिए किया जाता था. बाद में अन्य जगहों पर जब कुछ लोगों ने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया, तब उनहोंने कमल के फूल का खुले तौर पर चुनाव चिन्ह के रूप में इस्तेमाल किया. इन विद्रोहियों में से अधिकांश उच्च जाति के ब्रिटिश भारतीय, खासकर ब्राह्मण थे, जो जानवरों की खाल और उनके उत्पाद से बने हथियारों का इस्तेमाल नहीं करना चाहते थे. भाजपा के संस्थापकों ने कमल को चुनाव चिन्ह के तौर पर इसलिए चुना क्योंकि उन्होंने इसे ब्रिटिश शासन के खिलाफ पहले भी इस्तेमाल किया था जो कि राजनीतिक विचारधारा को सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के रूप में वर्णित करता है.
Source: www.indiacitynews.com
3. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआईएम) स्थापना:1964चुनाव चिन्ह : हंसिया-हथौड़ा
Source: www.s3.india.com
- भारतीय चुनाव आयोग द्वारा अनुमोदित मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का चुनाव चिन्ह हंसिया और हथौड़ा है. यह आमतौर पर लाल रंग से चित्रित किया जाता है, जो कि कम्युनिस्ट पार्टी के चुनाव चिन्ह का संघर्ष रंग भी है. ये काफी हद तक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के चुनाव चिन्ह से मिलता जुलता है. अन्तर्विभाजक हंसिया और हथौड़ा चिन्ह बहुत महत्वपूर्ण है. - यह चुनाव चिन्ह इसलिए चुना गया क्योंकि यह दर्शाता है कि सीपीआईएम किसानों या मजदूरों की पार्टी है, जो खेतों में काम करते हैं और साधारण जीवन जीते हैं. यह मजदूर वर्ग की स्थितियों को दर्शाते है. मैदान में मक्का और अन्य सभी फसलों को काटने के लिए हंसिया और हथौड़े का उपयोग किया जाता है. अनिवार्यतः यह कृषि उपकरण और हथियार भी हैं. - आज भी कई क्षेत्रों में किसानों को पूरे दिन खेती करने पर दिन के अंत में, वेतन के रूप में एक अल्प राशि ही मिलती है. सीपीआईएम किसानों के संघर्षों को दर्शाती है. इसीलिए उनकी पार्टी का चुनाव चिन्ह हंसिया और हथौड़ा है. यह समाज में उत्पीड़ित गरीबों की एक पार्टी है. यह पार्टी पूरे भारत में पूंजीवादी और वैश्वीकरण की नीतियों और योजनाओं का विरोध करती है. इसलिए यह चुनाव चिन्ह सीपीआईएम पार्टी के लिए बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
READ| जानें प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से संपर्क करने के 4 तरीके
4. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई)स्थापना: 1925 चुनाव चिन्ह: बाली-हंसिया
Source: www. image.slidesharecdn.com
जैसा की हम सभी जानते है कि 1960 से पहले भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी एक थे. वर्ग संघर्ष के वैचारिक दिशा को लेकर पार्टी के भीतर दो समूहों के बीच एक संघर्ष सा था और अंतत: ये दो पार्टियों में विभाजित हो गई. सीपीआई, राष्ट्रीय मुक्ति के लिए संघर्ष और समाजवाद के लिए वर्ग संघर्ष, आतंकवादी साम्राज्यवादी और अंतर्राष्ट्रीयवाद के संलयन से पैदा हुई थी. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी भारत का एक साम्यवादी दल है और 1952 से ही बाली-हंसिया इसका चुनाव चिन्ह है. चुनाव आयोग द्वारा भी इसको नहीं बदला गया है. इस चिन्ह के पीछे होने का यही कारण है कि यह दल भूमि सुधार को बढ़ावा देता था और किसानों की स्थिति में परिवर्तन लाना चाहता था. कार्यकर्ता और किसान जो समाज के लिए अधिकतर उत्पादक कार्य करते हैं, उन्हें उचित मान्यता दी जानी चाहिए. इसलिए ट्रेड यूनियन आंदोलनों में भी सीपीआई की राजनीतिक विचारधारा का एक बड़ा हिस्सा शामिल है. यह पार्टी हमेशा सामाजिक आंदोलनों में सबसे आगे रही है.
READ| जानें भारत का राष्ट्रपति बनने के लिए अनिवार्य योग्यताएं क्या हैं
5. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) स्थापना: 1984 चुनाव चिन्ह: हाथी
Source: www.pbs.twimg.com
- बहुजन समाज पार्टी का गठन 1984 में हुआ था. चुनाव आयोग ने बाई और देखता हुआ हाथी को बसपा का चुनाव चिन्ह की स्वीकृति दी थी. देश भर में असम और सिक्किम को छोडकर, पार्टी इसी चुनाव निशान से चुनाव लड़ती है. इन दो राज्यों में पार्टी का अभी कोई चुनाव निशान निर्धारित नहीं हुआ है. - बसपा का चुनाव निशान हाथी इसलिए रखा गया क्योंकि हाथी शारीरिक शक्ति और उर्जा का प्रतीक होता है. यह एक विशाल पशु है और आमतौर पर काफी शांत रहता है. जैसा की ‘बहुजन समाज’ का अर्थ है वह समाज जिसमें दलित वर्गों की संख्या ज्यादा है. ऊपरी जातियों और उनके द्वारा उत्पीड़न के खिलाफ संघर्ष को 'हाथी' के माध्यम से दर्शाया गया है क्योंकि यह कठिन, निडर, शांतिपूर्ण और ताकत से भरा है.
READ| दुनिया भर में सरकारों द्वारा लगाये गए 11 अजीब प्रतिबंध
6. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) स्थापना: 1999 चुनाव चिन्ह : घड़ी
Source: www. upload.wikimedia.org.com- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की स्थापना 1999 में हुई थी. इसका चुनाव चिन्ह नीले रंग की रेखीय घड़ी है, जिसमे निचे दो पाए और ऊपर अलार्म का बटन है. यह घड़ी 10 बजकर 10 मिनट का समय दिखाती है. यह त्रि-रंगीय भारतीय ध्वज पर स्थित है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का चुनाव चिन्ह घड़ी इसलिए है क्योंकि यह दर्शाता है कि कितनी भी मुश्किलें क्यों न हो, एनसीपी अपने सिद्धांतों के लिए दृढ़ता के साथ संघर्ष करती है. यह पार्टी आम आदमी के विचारों और चिंताओं का प्रतिनिधित्व करती है.
READ| भारत के राष्ट्रपति को क्या वेतन और सुविधाएँ मिलती हैं?
7. अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (एआईटीएमसी) स्थापना: 1 जनवरी 1998 लेकिन 2 सितंबर,2016 को चुनाव आयोग ने एआईटीसी को राष्ट्रीय राजनीतिक दल के रूप में मान्यता दी चुनाव चिन्ह : जोहरा घास फूल
Source: www.upload.wikimedia.org.com
- सुश्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली अब यह एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल है. जिसे चुनाव आयोग ने सितम्बर 2016 में राष्ट्रीय राजनितिक पार्टी का दर्जा प्रदान किया है. इसका चुनाव चिन्ह दो फूल अर्थार्त जोहरा घास फूल हैं और इसमें राष्ट्रीय ध्वज के सभी रंग शामिल है.- अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस पार्टी का नारा है ‘माँ, माटी और मनुष्य’. इसका चुनाव चिन्ह फूल और घास जो कि माटी से जुड़ा है और यह मातृत्व या हमारे राष्ट्रवादी तत्व का प्रतिनिधित्व करता है.- चुनाव चिन्ह में इस्तेमाल किए जाने वाले साधारण फूल इंगित करते है कि एआईटीएमसी समाज के उन वर्गों का समर्थन करती है जो आम तौर पर निम्न वर्ग के हैं और पीड़ित एवं शोषित हैं.उपरोक्त लेख से यह ज्ञात होता है कि राष्ट्रीय पार्टियों के चुनाव चिन्ह कैसे उनकी पहचान बने और उस पार्टी के लिए क्या भूमिका निभाते हैं.
| किन किन देशों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से चुनाव होता है? | इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम): इतिहास और कार्यप्रणाली |
वसंत पंचमी 2022 (सरस्वती पूजा): इतिहास, महत्व और रोचक तथ्य
Next ArticleLatest Stories
भारत में मुगलों की आखिरी इमारत कौन-सी है, जानें नाम और जगह
समसामयिक सामान्य ज्ञानभारत में किस प्रधानमंत्री को ‘मिस्टर क्लीन’ के नाम से जाना जाता है, यहां पढ़ें
समसामयिक सामान्य ज्ञानहरियाणा का कौन-सा जिला कहलाता है ‘शिक्षा नगरी’, जानें नाम
समसामयिक सामान्य ज्ञान
आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.
Trending
- Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana Bihar
- new voter list 2025 west bengal
- राष्ट्रीय एकता दिवस
- भारत के रक्षा संग्रहालय
- स्वतंत्रता सेनानियों की लिस्ट
- सबसे अधिक जनसंख्या वाला जिला
- सबसे कम जनसंख्या वाला जिला
- Kashmir Vande Bharat
- GK Questions in Hindi
- Current GK in Hindi
Popular Searches
- UP Board Practical Date 2026
- Goa Liberation Day Speech
- National Farmers’ Day 2025
- MPPSC Exam Calendar 2026
- SBI PO Final Result 2025
- Jeevika Answer Key 2025
- rssb.rajasthan.gov.in
- Rajasthan CHO Final Result 2025
- Christmas Countdown 2025
- Important Days in December 2025
Latest Education News
UGC NET Admit Card 2025: Download NTA December Hall Ticket at ugcnet.nta.ac.in Shortly
just nowList of Top 5 U.S. States That Experience the Most Snow Storms
just nowList of Top 7 Insects that Look Like Flowers on Earth
just nowKarnataka SSLC Economics Model Question Papers 2026: Download KSEAB Sample Paper with Answer Key
just nowRRB NTPC CBAT Admit Card 2025: रेलवे एनटीपीसी सीबीएटी परीक्षा के एडमिट कार्ड जारी, ये रहा डाउनलोड लिंक
just nowTN TNUSRB Result 2025 (OUT): Download Constable, Fireman Merit List PDF Link here
just nowBSc Agriculture vs BSc Horticulture: Which Career Path You Should Choose?
just nowCBSE Global Curriculum: अप्रैल 2026 से लागू होगा नया 'ग्लोबल करिकुलम', जानें क्या है नया प्लान
just nowCBSE Global Curriculum: अप्रैल 2026 से लागू होगा नया 'ग्लोबल करिकुलम', जानें क्या है नया प्लान
just nowChristmas Events and Carnivals at Indian Colleges
just nowVaibhav Suryavanshi Honoured with Pradhan Mantri Rashtriya Bal Puraskar 2025
16 mins agoMP Board Date Sheet 2026: MPBSE मध्य प्रदेश बोर्ड ने 5वीं - 8वीं की डेट शीट की जारी, 20 फरवरी से शुरू होंगे एग्जाम; देखें पूरा शेड्यूल
28 mins agoKVS NVS City Slip 2025 OUT: Download Exam City Intimation Slip at kvsangathan.nic.in
27 mins agoSchool Assembly Headlines (Dec 27): PM Modi Chairs National Conference, US Shifts H-1B to Wage-Based System, Vaibhav Suryavanshi Sets Historic 150 Record and Other News
27 mins agoKVS NVS Exam City Slip 2025 Link [OUT]: केवीएस एनवीएस Teaching & Non-Teaching इंटिमेशन स्लिप जारी, ये रहा Direct Link
28 mins agoWhat is the Old Name of CBSE?
29 mins agoWhich University in the World was the First To Introduce Engineering Education?
28 mins agoCSIR NET December 2025 Answer Key Expected Today at csirnet.nta.nic.in, Download Provisional Answer Key PDF - Link Here
28 mins agoWhich Degree Is Known As The Architect of Automation?
29 mins agoCBSE Class 9 Study Material PDF 2025-26: Download Important Resources for Annual Exam Preparation
27 mins ago
Từ khóa » Npp Ka Chunav Chinh Kya Hai
-
नेशनल पीपल्स पार्टी (भारत) - विकिपीडिया
-
नेशनलिस्ट पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को मिलेगी राष्ट्रीय दल की मान्यता
-
नेशनलिस्ट पीपुल्स पार्टी (NPP) - Drishti IAS
-
[PDF] मान्यता प्राप्त राजनैतिक दल एवं उनके आरक्षित प्रतीक
-
नेशनल पीपुल्स पार्टी (एन.पी.पी.) का चुनाव चिन्ह क्या है? - Edukate Me
-
मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की एनपीपी बनी पूर्वोत्तर की पहली ...
-
भारत की राजनीतिक पार्टियों के चुनाव चिन्ह की जानकारी - Webdunia
-
भारत के सभी मुख्य राजनीतिक दलों की सूची - Jagran Josh
-
चुनाव 2022
-
[PDF] CSC_Gorakhpur_Zone.pdf
-
भारत में कितने राजनीतिक दल है | राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टी की सूची ...
-
Village & Panchayats | District Shahjahanpur, Government Of Uttar ...
-
[PDF] 201704271441254722Bareilly Zone CSC List.pdf - MVVNL